आओ मिलजुल कर स्वस्थ्य खुशहाल समाज बनाए। आदर्श भारतीय होने का फर्ज निभाये। आओ मिलजुल कर स्वस्थ्य खुशहाल समाज बनाए। आदर्श भारतीय होने का फर्ज निभाये।
उजाला बनकर रहना मेरे जीवन में, सुबह हो या शाम।। उजाला बनकर रहना मेरे जीवन में, सुबह हो या शाम।।
रिश्तो को, तार-तार कर जाती हैं । कानूनी दांव-पेचों से , पुरुषों को हराती हैं । अपन रिश्तो को, तार-तार कर जाती हैं । कानूनी दांव-पेचों से , पुरुषों को हरात...
यहाँ इश्क़ है एक अधूरे ख्वाब सा जो आँख खुले तो टूट जाता है। यहाँ इश्क़ है एक अधूरे ख्वाब सा जो आँख खुले तो टूट जाता है।
लगता है जैसे घोर अंधकार जीवन में। लगता है जैसे घोर अंधकार जीवन में।
संघर्ष में स्वयं को निखारते हुए बिखेरेंगे खुशियाँ हर बार। संघर्ष में स्वयं को निखारते हुए बिखेरेंगे खुशियाँ हर बार।